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Gurugram News: गुरुग्राम में अब एक ही ट्रैक पर दौड़ेगी नमो भारत और मेट्रो, होगी हरियाणा की 40 एकड़ जमीन अधिग्रहण

Gurugram News: हरियाणा के गुरुग्राम में जल्द ही एक बड़ा ट्रांसपोर्टेशन बदलाव देखने को मिलेगा। अब “नमो भारत” ट्रेन और मेट्रो रेल एक ही ट्रैक पर दौड़ती नजर आएंगी। यह ऐतिहासिक कदम न सिर्फ यातायात व्यवस्था को सुगम बनाएगा बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) को एक नई गति भी देगा। इस प्रोजेक्ट के लिए हरियाणा सरकार 40 एकड़ से अधिक जमीन का अधिग्रहण करने जा रही है।

क्या है योजना का मकसद?

इस परियोजना का उद्देश्य गुरुग्राम को रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के साथ मेट्रो नेटवर्क से जोड़ना है ताकि यात्रियों को अधिक विकल्प और कम ट्रैफिक जाम के साथ यात्रा का मौका मिल सके। नमो भारत ट्रेन, जो पहले से दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर में चल रही है, अब गुरुग्राम से भी होकर निकलेगी और मेट्रो ट्रेन उसी ट्रैक पर अलग टाइम स्लॉट में ऑपरेट की जाएगी।

किन इलाकों से गुजरेगा यह कॉमन ट्रैक?

कॉमन ट्रैक की योजना के तहत यह रूट साइबर सिटी, सेक्टर 56, खेड़की दौला, मानेसर और IMT जैसे प्रमुख हब्स को जोड़ेगा। इसके जरिए लाखों यात्रियों को रोजाना लाभ मिलेगा, खासकर उन लोगों को जो गुरुग्राम से दिल्ली, फरीदाबाद, या मानेसर की ओर आते-जाते हैं।

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

हरियाणा सरकार ने इस कॉरिडोर के लिए 40 एकड़ जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें राज्य औद्योगिक क्षेत्र, कुछ कृषि भूमि और नगर निकाय की खाली जमीन को शामिल किया गया है। सरकार ने किसानों और स्थानीय निवासियों को भरोसा दिया है कि उन्हें Markeṭ rate के अनुसार मुआवज़ा दिया जाएगा और प्रभावित परिवारों को पुनर्वास योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।

क्या होगी समयसीमा और लागत?

इस संयुक्त ट्रैक परियोजना की लागत ₹7,500 करोड़ से अधिक आंकी जा रही है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो 2026 के अंत तक दोनों ट्रेनें इस रूट पर चालू हो सकती हैं। DMRC और NCRTC दोनों ही इस प्रोजेक्ट पर मिलकर काम कर रहे हैं।

यात्रियों को क्या लाभ?

  • यात्रा समय में बड़ी कमी
  • रोड ट्रैफिक और जाम से राहत
  • वायु प्रदूषण में गिरावट
  • एक ही रूट से दो ट्रांसपोर्ट विकल्प
  • ऑफिस जाने वालों के लिए आसान कनेक्टिविटी

निष्कर्ष

गुरुग्राम के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में यह परियोजना एक गेमचेंजर साबित हो सकती है। नमो भारत और मेट्रो का एक ही ट्रैक पर संचालन एक टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली और स्पेस-सेविंग मॉडल है, जिसे आने वाले वर्षों में देश के अन्य शहरों में भी अपनाया जा सकता है। यह योजना न केवल स्मार्ट सिटी की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि हरियाणा के विकास की नई रफ्तार भी है।

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